Tat Shabd Roop in Sanskrit – तत् शब्द रूप संस्कृत में (हिंदी व्याकरण)
दोस्तों स्वागत है आपका “शब्दरूप” वेबसाइट पर। आज के इस लेख में हम आपको तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) के बारे तीनो लिंगो (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग) में बताने वाले हैं। इसके साथ हम आपको तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) से सम्बंधित प्रश्नों के बारे में बताने वाले हैं। तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) के बारे में अधिकतर परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है। इसलिए आपको तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) के बारे में पता होना चाहिए।
इससे पिछले लेख में हमने आपको मुनि शब्द रूप के बारे में विस्तार के साथ बताया। यह एक महत्वपूर्ण शब्द रूप है इस शब्दरूप के बारे में परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है यदि आपने अभी तक मुनि शब्द रूप के बारे में नहीं पड़ा है तो आप हमारी इस वेबसाइट से मुनि शब्द रूप के बारे में पढ़ सकते हैं।
यदि आप तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) के बारे में जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को अंत तक पढ़ें। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) के बारे में बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं तत् शब्द रूप (Tat Shabd Roop) के बारे में।
तत् शब्द का अर्थ
तत् शब्द का अर्थ “वह” होता है तत् शब्द रूप सर्वनाम वाचक होता है एतत् एवं यत् के शब्द रूप भी तत् शब्द रूप के अनुसार ही बनाए जाते हैं। तत् संस्कृत शब्द है और हिंदी भाषा में भी उपयोग होता है। इस शब्द के विभिन्न रूप होते हैं जो निम्नलिखित हैं।
- तत् (संज्ञा) – यह शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, या भाव को सूचित करने के लिए प्रयोग होता है। उदाहरण: तत् पुस्तक है (वह पुस्तक है)।
- तस्मात् (सर्वनाम) – यह संक्षेप में उपयोग होता है और “उस कारण से” या “इसलिए” के अर्थ में होता है। उदाहरण: तस्मात् मैं गया (इसलिए मैंने गया)।
- तद् (सर्वनाम) – यह शब्द एक संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होता है और उसे सूचित करता है। उदाहरण: तद् बड़ा है (वह बड़ा है)।
- ततः (क्रियाविशेषण) – इस शब्द का उपयोग किसी समय या स्थान के सम्बंध में किया जाता है। उदाहरण: ततः वहाँ गया (उसके बाद वहाँ गया)।
- ततः (अव्यय) – इस शब्द का उपयोग किसी अनुक्रम में होता है। उदाहरण: ततः पहले, वहाँ गया (इससे पहले, वहाँ गया)।
- तथा (संयोजक) – इस शब्द का उपयोग किसी अन्य संयुक्त पद को जोड़ने के लिए होता है। उदाहरण: तथा उदाहरण के लिए (और उदाहरण के लिए)।
- तस्मिन् (सर्वनाम) – यह शब्द किसी स्थान के संकेत के रूप में प्रयोग होता है। उदाहरण: तस्मिन् घर में (उस घर में)।
- तस्मान् (सर्वनाम) – यह शब्द किसी समय के संकेत के रूप में प्रयोग होता है। उदाहरण: तस्मान् दिन में (उस दिन में)।
- तदधीन (संज्ञा) – यह शब्द किसी संबंध को सूचित करने के लिए प्रयोग होता है। उदाहरण: तदधीन विद्यालय में (उस विद्यालय में)।
- तात् (संज्ञा) – यह शब्द बाप को सूचित करने के लिए प्रयोग होता है। उदाहरण: तात् पिता है (वह पिता है)।
यहां उपरोक्त सूची में तत् शब्द के कुछ प्रमुख रूपों का वर्णन किया गया है। इसके अलावा भी अन्य रूप हो सकते हैं, जो वाक्य या प्रयोग के संदर्भ में उपयोग होते हैं। यह शब्द वाक्यांश, वाक्य, और भाषा के संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
तत् शब्द रूप (पुल्लिंग)
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको तत् शब्द के बारे में बताया है। अब हम आपको तत् शब्द रूप (पुल्लिंग) के बारे में बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं तत् शब्द रूप (पुल्लिंग) के बारे में।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सः | तौ | ते |
द्वितीया | तम् | तौ | तान् |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
चतुर्थी | तस्मै | ताभ्याम् | तेभ्यः |
पञ्चमी | तस्मात् | ताभ्याम् | तेभ्यः |
षष्ठी | तस्य : | तयोः | तेषाम |
सप्तमी | तस्मिन् | तयोः | तेषु |
तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग)
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको तत् शब्द के बारे में तथा तत् शब्द रूप (पुल्लिंग) के बारे में बताया है। अब हम आपको तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) के बारे में बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) के बारे में।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सा | ते | ताः |
द्वितीया | ताम् | ते | ताः |
तृतीया | तया | ताभ्याम् | ताभिः |
चतुर्थी | तस्यै | ताभ्याम् | ताभ्यः |
पञ्चमी | तस्याः | ताभ्याम् | ताभ्यः |
षष्ठी | तस्याः | तयोः | तासाम् |
सप्तमी | तस्याम् | तयोः | तासु |
तत् शब्द रूप (नपुंसकलिंग)
आपको ऊपर के लेख में हमने तत् शब्द के बारे में, तत् शब्द रूप (पुल्लिंग) तथा तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) के बारे में बताया है। अब हम आपको तत् शब्द रूप (नपुंसकलिंग) के बारे में बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं तत् शब्द रूप (नपुंसकलिंग) के बारे में।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | तत् | ते | तानि |
द्वितीया | तत् | ते | तानि |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
चतुर्थी | तस्मै | ताभ्याम् | तेभ्यः |
पञ्चमी | तस्मात् | ताभ्याम् | तेभ्यः |
षष्ठी | तस्य | तयोः | तेषाम |
सप्तमी | तस्मिन् | तयोः | तेषु |
तत् शब्द रूप से संबंधित पूछे गए प्रश्न
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको तत् शब्द रूप के बारे में तथा तत् शब्द रूप के अर्थ के बारे में विस्तार के साथ बताया इसके साथ हमने आपको तत् शब्द रूप (पुल्लिंग) तथा तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) के बारे में बताया है। अब हम आपको तत् शब्द रूप से संबंधित पूछे गए प्रश्नों के बारे में बताते हैं। आइए जानते हैं तत् शब्द रूप से सम्बंधित प्रश्नों के बारे में।
प्रश्न – तत् शब्द (पुल्लिंग) के प्रथमा विभक्ति एकवचन का रूप कौन सा है?
उत्तर – तत् शब्द के प्रथमा विभक्ति एकवचन का रूप सः है।
प्रश्न – तम् शब्द (पुल्लिंग) में कौन सी विभक्ति और वचन हैं?
उत्तर – तत् शब्द (पुल्लिंग) में द्वितीया विभक्ति और एकवचन है।
प्रश्न – तत् शब्द का अर्थ क्या होता है?
उत्तर – तत् शब्द का अर्थ “वह” होता है तत् शब्द रूप सर्वनाम वाचक होता है।
प्रश्न – तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) की प्रथमा विभक्ति का द्विवचन क्या है?
उत्तर – तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) की प्रथमा विभक्ति का द्विवचन ते है।
प्रश्न – तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) की पंचमी विभक्ति का द्विवचन क्या है?
उत्तर – तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) की पंचमी विभक्ति का द्विवचन ताभ्याम् है।
प्रश्न – तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) की सप्तमी विभक्ति का एकवचन क्या है?
उत्तर – तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) की सप्तमी विभक्ति का एकवचन तस्याम् है।
प्रश्न – तत् शब्द रूप (नपुंसकलिंग) की चतुर्थी विभक्ति का द्विवचन क्या है?
उत्तर – तत् शब्द रूप (नपुंसकलिंग) की चतुर्थी विभक्ति का द्विवचन ताभ्याम् है।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको तत् शब्द के अर्थ के बारे में बताया है इसके साथ हमने आपको तत् शब्द रूप (पुल्लिंग) तथा तत् शब्द रूप (स्त्रीलिंग) के बारे में बताया है। तत् शब्द रूप महत्वपूर्ण होते हैं इन शब्द रूपों के बारे में परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है।
यदि आपको अन्य किसी भी शब्द के बारे में जानना है तो आप हमारी इस वेबसाइट से उस शब्द रूप के बारे में पढ़ सकते हैं। इसी प्रकार के महत्वपूर्ण शब्द रूप की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। इसी तरह के अन्य महत्वपूर्ण शब्दरूपों की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए “शब्दरूप” वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।
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