Hari Shabd Roop in Sanskrit – हरि शब्द रूप संस्कृत में
दोस्तों स्वागत है आपका “शब्दरूप” वेबसाइट पर। आज के इस लेख में हम आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में तथा हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) की सभी विभक्ति व वचन के बारे में बताएँगे। हरि के शब्द रूप बहुत ही महतवपूर्ण हैं इनके बारे में परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है। इसलिए हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में सभी छात्रों को पता होना चाहिए।
इससे पिछले लेख में हमने आपको नदी शब्द रूप के बारे में विस्तार के साथ बताया। जो एक महत्वपूर्ण शब्द रूप है इस शब्द रूप के बारे में हिंदी व्याकरण सभी छात्रों जानकारी होना चाहिए। यदि आपको नदी शब्द रूप के बारे में पता नहीं है तो आप नदी शब्द रूप के बारे में हमारी इस वेबसाइट से पढ़ सकते हैं।
यदि आप हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो आप सही वेबसाइट पर आए हैं क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में बताने वाले हैं इसके साथ हम आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) से सम्बंधित प्रश्न – उत्तर के बारे में बताने वाले हैं। तो चलिए बिना किसी देरी के आइए जानते हैं नदी शब्द रूप के बारे में।
हरि शब्द का अर्थ
“हरि” एक संस्कृत शब्द है जो हिन्दी भाषा में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संदर्भों में व्यापक रूप से प्रयोग होता है। इसका मुख्य अर्थ “भगवान” या “ईश्वर” होता है। यह शब्द हिन्दू धर्म में प्रमुखता से उपयोग किया जाता है और इसका व्यापक अर्थ भगवान की परिभाषा से प्राप्त होता है। हरि शब्द को धार्मिक और आध्यात्मिक संस्कृति के विभिन्न पहलुओं में प्रयोग किया जाता है। जिसमें संगीत, काव्य, आराधना, भजन और जीवन के अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
इसके अलावा हरि शब्द का प्रयोग अनेक धार्मिक साहित्यों, कविताओं, और संगीत के बोलों में भी किया जाता है। हरि शब्द की गहरी और आनंदमय ध्वनि इसे एक आध्यात्मिक अनुभव के रूप में भी लोकप्रिय बनाती है। यदि आपको इसके बारे में और विस्तृत जानकारी चाहिए तो कृपया इस लेख को अंत तक पढ़ें।
हरि शब्द रूप संस्कृत में
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको हरि शब्द के अर्थ के बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में बताने जा रहे हैं। जो नीचे के लेख में लिखे गए हैं। हरि शब्द इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा है सभी इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा का शब्द रूप एक तरह से ही बनते हैं। जैसे कवि, कपि, निधि,ऋषि, तिथि, गिरि, अग्नि, रवि, जलधि, आदि।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
द्वितीया | हरिं | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
चतुर्थी | हरये | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
पंचमी | हरेः | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
षष्ठी | हरेः | हर्योः | हरीणां |
सप्तमी | हरौ | हर्योः | हरिषु |
सम्बोधन | हे हरे ! | हे हरी ! | हे हरयः ! |
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको हरि शब्द के अर्थ के बारे में एवं हरि शब्दरूप के बारे बताया है। अब हम आपको हरि शब्द के रूप प्रथमा व द्वितीया विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे के लेख में बताते हैं।
प्रथमा
हरिः पुस्तकं पठति।
हरि किताब पढ़ता है।
हरी पुस्तकं पठतः।
दो हरि किताब पढ़ते हैं।
हरयः पुस्तकं पठन्ति।
बहुत सारे हरि किताब पढ़ते हैं।
द्वितीया
राजा हरिं प्रणमति।
राजा हरि को प्रणाम करता है।
राजा हरी प्रणमति।
राजा (दो) हरियों को प्रणाम करता है।
राजा हरीन् प्रणमति।
राजा हरियों को प्रणाम कता है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको हरि शब्द रूप के अर्थ के बारे में तथा हरि शब्द रूप के बारे में बताया है। अब हम आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताते हैं। तो आइए जानते हैं हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में।
प्रश्न – हरी शब्द के प्रथमा विभक्ति एकवचन का रूप कौन सा है?
उत्तर – हरी शब्द के प्रथमा विभक्ति एकवचन का रूप हरिः है।
प्रश्न – हरये शब्द में कौन सी विभक्ति और वचन हैं?
उत्तर – हरये शब्द में चतुर्थी विभक्ति और एकवचन है।
प्रश्न – हरी शब्द का अर्थ क्या होता है?
उत्तर – इसका मुख्य अर्थ “भगवान” या “ईश्वर” होता है। यह शब्द हिन्दू धर्म में प्रमुखता से उपयोग किया जाता है और इसका व्यापक अर्थ भगवान की परिभाषा से प्राप्त होता है।
प्रश्न – हरी शब्द रूप की प्रथमा विभक्ति का द्विवचन क्या है?
उत्तर – हरी शब्द रूप की प्रथमा विभक्ति का द्विवचन हरी है।
प्रश्न – हरी शब्द रूप की पंचमी विभक्ति का द्विवचन क्या है?
उत्तर – हरी शब्द रूप की पंचमी विभक्ति का द्विवचन हरिभ्याम् है।
प्रश्न – हरी शब्द रूप की सप्तमी विभक्ति का एकवचन क्या है?
उत्तर – हरी शब्द रूप की सप्तमी विभक्ति का एकवचन हरौ है।
प्रश्न – हरी शब्द रूप की चतुर्थी विभक्ति का द्विवचन क्या है?
उत्तर – हरी शब्द रूप की चतुर्थी विभक्ति का द्विवचन हरिभ्याम् है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में तथा हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) की सभी विभक्ति व वचन के बारे में बताया है। हरि शब्द रूप बहुत ही महतवपूर्ण हैं। इनके बारे में परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है। इसलिए हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में सभी छात्रों को पता होना चाहिए।
आशा करता हूँ आपको हरि शब्द रूप (Hari Shabd Roop) के बारे में पता चल गया होगा। इसी तरह के नये नये आर्टिकल की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं इसी तरह के महत्वपूर्ण आर्टिकल की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं इसी तरह के यूजफुल आर्टिकल की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए “शब्दरूप” वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।