Aatma Shabd Roop in Sanskrit – आत्मा/आत्मन् शब्द के रूप संस्कृत में
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी “शब्दरूप” वेबसाइट पर जहां पर हम आपके लिए रोजाना यूजफुल आर्टिकल लेकर आते रहते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको Aatma Shabd Roop संस्कृत अर्थ बताने वाले हैं और इसके साथ ही आत्मा शब्द से सम्बंधित पुछे गए प्रश्नों के बारे में भी बताने वाले हैं।
आत्मा शब्द तो आपने सुना हीओ होगा। आत्मा/आत्मन् शब्द संस्कृत व्याकरण में ज्यादातर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। ऐसे शब्दों के बारे में अक्सर परीक्षाओ में पुछ भी लिया जाता है। अक्सर Aatma Shabd Roop के बारे में हिंदी संस्कृत व्यकरण की परीक्षाओ में शब्द रूप के बारे में पुछ लिया जाता है। इसलिए आपको इससे सम्बंधित जानकारी होनी चाहिए।
इससे पिछले आर्टिकल में हमने आपको Bhagwat Shabd Roop in Sanskrit अर्थ के बारे में बताया और इसके साथी इससे संबंधित पूछे गए प्रश्नों के बारे में भी आपको जानकारी दी। अगर आपने अभी तक हमारा ही पिछला आर्टिकल नहीं पढ़ा है तो आप हमारे द्वारा ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करके बहुत आसानी के साथ पिछले आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।
अगर आप एक विद्यार्थी हो तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है। क्योंकि अक्सर आपने देखा होगा कि कक्षा 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थियों से Aatma Shabd Roop के बारे में पुछ लिया जाता है। अगर Aatma Shabd Roop के बारे में संस्कृत में जानना चाहते हैं तो आप हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।
आत्मा/आत्मन् शब्द का अर्थ (Aatma Shabd Roop)
क्या आप Aatma Shabd Roop का अर्थ जानना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं। हम आपको बता दें की आत्मा शब्द का प्रयोग विश्वात्मा और व्यक्तिगत आत्मा दोनों अर्थों में होता है। आत्मा/आत्मन् का अर्थ आत्मा (Soul) होता है। एक ‘ पार्टिटिव पुल्लिंग संज्ञा एक ऐसा शब्द है जिसके शब्द रूप ‘अन्’ पार्टिटिव पुल्लिंग संज्ञा हैं, जैसे कि आत्मा शब्द।
भारतीय दर्शन की प्रमुख धारणाओं (विचारों) में से एक वाक्यांश आत्मा, या आत्मान है। ऐसा लगता है कि यह उपनिषदों का केंद्रीय विषय है। जहां वाक्यांश “एक व्यक्ति में मौलिक होना” एक व्यक्ति के उस अमर पहलू को संदर्भित करता है जो मृत्यु से बच जाता है।
आत्मा / आत्मन् शब्द रूप संस्कृत में।(Aatma Shabd Roop)
इससे ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको आत्मा/आत्मन् शब्द रूप का संस्कृत अर्थ के बारे में बताया है। अब हम आपको आत्मा / आत्मन् शब्द रूप संस्कृत में बताने वाले हैं। अक्सर एग्जाम में Atman Shabd Roop in Sanskrit से संबंधित प्रश्न पूछा जाता हैं।
आपको बता दें की आत्मा/आत्मन् शब्द पुल्लिड् संज्ञा शब्द है यह सभी नकारांत पुल्लिड के रूप में इस प्रकार बनते हैं जैसे- आत्मन्) ‘अन्’ भागान्त पुंल्लिंग संज्ञा, सभी ‘अन्’ भागान्त पुंल्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। और अधिक जानने के लिए निचे टेबल दी गई है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | आत्मा | आत्मनौ | आत्मानः |
द्वितीया | आत्मान् | आत्मनौ | आत्मनः |
तृतीया | आत्मना | आत्मभ्याम् | आत्मभिः |
चतुर्थी | आत्मने | आत्मभ्याम् | आत्मभ्यः |
पंचमी | आत्मनः | आत्मभ्याम् | आत्मभ्यः |
षष्ठी | आत्मनः | आत्मनोः | आत्मनाम् |
सप्तमी | आत्मनि | आत्मनोः | आत्मसु |
सम्बोधन | हे आत्मन् ! | हे आत्मनौ ! | हे आत्मानः ! |
पुछे गए प्रश्न (FAQs)
इससे ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको आत्मा/आत्मन् शब्द का अर्थ के बारे में बताया है और आत्मा / आत्मन् शब्द रूप संस्कृत में अर्थो के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। जोकि आपके लिए जानना फायदेमंद है।
अब हम आपको Aatma Shabd Roop से समबन्धित परीक्षाओ में पुछ लिए जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताने वाले हैं जो की निम्नलिखित हैं।
प्रश्न- आत्मा शब्द में विभक्ति और वचन क्या है?
उत्तर- “आत्मा” या “आत्मान” शब्द के लिए सभी संस्कृत शब्द और विभक्ति। आत्मान की परिभाषा “आत्मा या आप” है। आत्मा का एक नकारांत पुल्लिंग शब्द रूप है।
प्रश्न- आत्मा शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है?
उत्तर- “आत्मा” शब्द सामूहिक आत्मा और व्यक्तिगत आत्मा दोनों को संदर्भित कर सकता है। प्रोफेसर महावीर सरन जैन के अनुसार आत्मा और ईश्वर के बीच का अंतर भाषाई है। यह अंतर सारहीन है। संपूर्ण उपनिषदों में भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक सहित विभिन्न कोणों से स्वयं की अवधारणा की जांच की गई है।
प्रश्न- आत्मा का मूल आधार क्या है?
उत्तर- अतः आत्मा अछूत है। “शरीर और आत्मा” के बीच प्रमुख अंतर यह है कि पूर्व अस्थायी है। जबकि उत्तरार्द्ध भंगुर है गीता यह भी कहती है कि यह उसी तरह है जैसे कोई व्यक्ति अपने पुराने कपड़े उतार देता है और नए कपड़े पहन लेता है। इसी प्रकार आत्मा पुराने अस्वस्थ शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है।
प्रश्न- अक्षर और आत्मा का अर्थ क्या है?
उत्तर- कानून के अक्षर का पालन करने का सीधा सा मतलब है कि कानून जो कहता है उसे करना। जबकि कानून की भावना का पालन करना कानून के पीछे की मंशा के अनुसार कार्य करने पर जोर देता है। कानून के अक्षर का पालन करने का सीधा सा मतलब है कि कानून जो कहता है उसे करना। शब्द और भाव प्रायः एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, तथापि वे प्रायः एक-दूसरे के विरोध में बोले जाते हैं।
प्रश्न- मनुष्य की आत्मा कौन है?
उत्तर- जब किसी के पास आत्म- और दिव्य-ज्ञान होता है तो वे आत्मा के रूप में जाने जाने वाले ऊर्जा रूप को देख सकते हैं। आत्मा को कई धार्मिक, दार्शनिक और पौराणिक परंपराओं में एक जीवित इकाई के निराकार सार के रूप में देखा जाता है। सुकरात, प्लेटो और अरस्तू जैसे यूनानी दार्शनिकों ने माना कि आत्मा के पास तर्क करने की क्षमता होनी चाहिए, सबसे पवित्र मानव क्रिया, और यह क्षमता मौजूद होनी चाहिए।
निष्कर्ष
आज इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको Aatma Shabd Roop के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। और हमने आपको इसके साथ ही Aatma Shabd Roop से सम्बंधित अक्सर पुछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताया। अब मैं उम्मीद करता हूँ अब आपके मन में आत्मा शब्द रूप से सम्बंधित सारे प्रश्न दूर हो गए होंगे।
अक्सर परीक्षाओं में ऐसे प्रश्न पुछ लिए जाते हैं इसलिए आपको इन शब्दों के बारे में जानकारी होना चाहिए। उम्मीद करता हूँ आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
रोजाना ऐसे ही यूज़ फुल आर्टिकल रोजाना पढना के लिए “शब्दरूप” वेबसाइट को हमेशा विजित करते रहें क्योंकि हम इस तरह की सारी जानकारी अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो हमे कमेंट करके जरुर बताएं मिलते हैं अगले आर्टिकल में जब तक के लिए धन्यवाद।