Bhavat Shabd Roop in Sanskrit – भवत् शब्द के रूप
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी शब्दरूप वेबसाइट पर आपका स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको Bhavat Shabd Roop का संस्कृत अर्थ के बारे में बताएँगे। हमने पिछले आर्टिकल में आपको Sadhu Shabd Roop के बारे में बताया था।
अगर आपने हमारा पिछला आर्टिकल नहीं पड़ा तो आप हमारे द्वारा ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक कर कर हमारे पिछले आर्टिकल को बहुत आसानी से पढ़ सकते हैं। दोस्तों अगर आप भी Bhavat Shabd Roop संस्कृत अर्थ जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं।
आपने देखा होगा की अक्सर कक्षा 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थियों को भवत् शब्द रूप के बारे में पूछा जाता है। अपने देखा होगा की बहुत बार परीक्षाओ में भी Bhavat Shabd Roop के बारे में पुछ लिया जाता है इसलिए आपको साधु शब्द रूप के बारे में संस्कृत के सभी छात्रों को पता होना चाहिए।
यदि आप Bhavat Shabd Roop के बारे में संस्कृत में जनना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि हम आपको Bhavat Shabd Roop के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं। इसलिए आप हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़े।
भवत् शब्द का अर्थ(Bhavat Shabd Roop)
अगर आप भवत् शब्द का अर्थ जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं। अब हम आपको भवत् शब्द के अर्थ के बारे में बताने वाले हैं। तो हम आपको बता दें की भवत्का संस्कृत में सभी शब्द रूपों और विभक्तियों में एक पुल्लिंग लिंग है। भवत शब्द का अर्थ ‘आप’ है। “भवत” शब्द इसके तीनों लिंगों में से किसी में भी प्रयुक्त हो सकता है। भावत के स्वरूप के अनुसार गच्छत, धीमत्, श्रीमत और बुद्धिमत के रूप भी बनते हैं।
भवत् पुल्लिंग के रूप(Bhavat Shabd Roop)
हमने आपको ऊपर भवत् अर्थ के बारे में बताया है और अब हम आपको भवत् पुल्लिंग के रूप के बारे में बताने वाले हैं। पुरुषवाचक सर्वनाम भवत् को संज्ञा कहते हैं। भवत् के सर्वनाम पद को संबोधित करना असम्भव है। भवत् (आप) के लिंग का स्त्रीलिंग शब्द रूप या पुल्लिंग शब्द रूप उत्पन्न करना असम्भव है। इस वजह से”भवत्” शब्द में एक नपुंसक समकक्ष का अभाव है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | भवान् | भवन्तौ | भवन्तः |
द्वितीया | भवन्तम् | भवन्तौ | भवतः |
तृतीया | भवता | भवद्भ्याम् | भवद्भिः |
चतुर्थी | भवते | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
पंचमी | भवतः | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
षष्ठी | भवतः | भवतोः | भवताम् |
सप्तमी | भवति | भवतोः | भवत्सु |
सम्बोधन | हे भवन्! | हे भवन्तौ! | भवतः |
तकारान्त नपुंसकलिंग भवत् शब्द
विभक्ति /वचन | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | भवत् | भवति | भवन्ति |
द्वितीया | भवत् | भवति | भवन्ति |
तृतीया | भवता | भवद्भ्याम् | भवद्भिः |
चतुर्थी | भवते | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
पञ्चमी | भवतः | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
षष्ठी | भवतः | भवतोः | भवताम् |
सप्तमी | भवति | भवतोः | भवत्सु |
सम्बोधन | हे भवत् | हे भवति | हे भवन्ति |
पूछे गए प्रश्न (FAQs)
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको भवत् शब्द रूप के अर्थ के बारे में तथा भवत् शब्द रूप के बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको भवत् शब्द रूप से संबंधित पूछे गए प्रश्नों के बारे में बताते हैं। आइए जानते हैं देव शब्द रूप से सम्बंधित प्रश्नों के बारे में।
प्रश्न- भवत् शब्द के द्वितीया एकवचन पुल्लिंग का रूप कौन है?
उत्तर- भवत एक पुरुषवाचक संज्ञा है जिसका अर्थ है “आप।” आयुष्मत, इच्छा, एटावत, गच्छत, जाग्रत, तवत, ददत, दरीद्रत, धीमत, भगवत, विद्युत, शासत, और श्रीमत सहित सभी तकरंत पुल्लिंग संज्ञाओं को बनाने के लिए एक ही प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न- मर्दाना और स्त्री संस्कृति में क्या अंतर है?
उत्तर- मर्दाना संस्कृति में पुरुषों से आक्रामक, बलशाली और भौतिक उपलब्धि से प्रेरित होने की अपेक्षा की जाती है। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे दूसरों का पालन-पोषण करें और उनके जीवन की गुणवत्ता को प्राथमिकता दें। हॉफस्टेड का दावा है कि एक स्त्री संस्कृति या समुदाय, इसके विपरीत, वह है जिसमें लिंग भूमिकाएं अधिक लचीली होती हैं।
प्रश्न- शब्द रूप कैसे बनाते हैं?
उत्तर- संज्ञा, सर्वनाम आदि जैसे शब्दों को बनाने के लिए पहले, दूसरे, आदि जैसे विभक्तियों का उपयोग किया जाता है। ये शब्द रूप – पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसक – विभिन्न प्रकार के एकवचन, दोहरे और बहुवचन रूपों में उपयोग किए जाते हैं। इन्हें कभी-कभी शब्द रूपों के रूप में जाना जाता है।
प्रश्न- भवति में कौन सा वचन है?
ऊतर- भवती भू धातु का घर है। बदलती धातु, भव के लिए हिंदी शब्द “होना” है। लट्लकार भवती शब्द का एक संस्करण है जो वर्तमान काल के पहले व्यक्ति को दर्शाता है।
प्रश्न- एकवचन बहुवचन की पहचान कैसे करें?
उत्तर- एक शब्द का एकवचन रूप वह है जो केवल एक चीज को संदर्भित कर सकता है। दृष्टांत के रूप में निम्नलिखित पर विचार करें: लड़का, गाय, सैनिक, बच्चा, कपड़ा, माँ, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी, बंदर, मोर, आदि। बहुवचन शब्द रूप को बहुलता के भाव से संदर्भित करता है। जैसे: पुत्र, वधू, शिक्षक, रोटियाँ, महिलाएँ, लड़के, गाय, वस्त्र, टोपी, माला, माताएँ, आदि।
प्रश्न- एकवचन से बहुवचन कैसे बनाएं?
उत्तर- एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
- जब आकारान्त के पुल्लिंग शब्दों में आ की जगह पर ए लगा दिया जाता है।
- जब आकारान्त के स्त्रीलिंग शब्दों में आ की जगह पर ऍ कर दिया जाता है।
- जब स्त्रीलिंग के शब्दों में या की जगह पर याँ लगा दिया जाता है।
- जब अकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों में अ की जगह पर ऐं लगा दिया जाता है।
निष्कर्ष
हमने आपको आज के इस आर्टिकल में Bhavat Shabd Roop अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द और Bhavat Shabd Roop संस्कृत अर्थ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। हमने आपको Bhavat Shabd Roop से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताया है। भवत् शब्द रूप से सम्बंधित प्रश्न अक्सर परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं।
उम्मीद करता हूँ अब आपके मन में भवत्श ब्द रूप से सम्बंधित सारे प्रश्न दूर हो गए होंगे। परीक्षाओं में अक्सर ऐसे प्रश्न पुछ लिए जाते हैं इसलिए आपको इन शब्दों के बारे में जानकारी होना चाहिए। उम्मीद करता हूँ आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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