शिशु शब्द के रूप संस्कृत में – Shishu Shabd Roop in Sanskrit
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी शब्दरूप वेबसाइट पर जहां हम आपके लिए रोजाना आपके लिए यूज़फुल आर्टिकल लेकर आते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको Shishu Shabd Roop के संस्कृत अर्थ के बारे में बताने वाले हैं इसके साथ साथ हम आपको शिशु शब्द से सम्बंधित और भी जानकारी देने वाले हैं।
शिशु शब्द के बारे में तो आपने सुना ही होगा और आप सभी जानते ही होंगे यह कितना महत्वपूर्ण शब्द है। ऐसे शब्दों के बारे में अक्सर परीक्षा में पूछ लिया जाता है। अक्सर हिंदी संस्कृत की परीक्षाओ में Shishu Shabd Roop का अर्थ पुछ लिया जाता है इसलिए आपको इसके बारे में जानकारी होना अवश्य है।
हमने पिछले आर्टिकल में आपको Kaksha Shabd Roop in Sanskrit अर्थ के बारे में बताया और कक्षा शब्द से सम्बंधित अक्सर पुछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताया है। अगर आपने हमारा पिछला आर्टिकल नहीं पड़ा तो आप हमारे द्वारा ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक कर कर हमारे पिछले आर्टिकल को आसानी से पढ़ सकते हैं।
अगर आप एक स्टूडेंट हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होने वाला है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम Shishu Shabd Roop के बारे में सारी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। अक्सर आपने देखा होगा कि कक्षा 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थियों से Shishu Shabd Roop के बारे में पुछ लिया जाता है।
Shishu Shabd Roop के बारे में संस्कृत में जानना चाहते हैं तो आप हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।
शिशु शब्द का अर्थ (Shishu Shabd Roop)
अगर आप भी Shishu Shabd Roop का अर्थ जानना चाहते हैं तो बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं। हम आपको बता दें कि जन्म से एक मास तक की आयु का शिशु नवजात (नया जन्मा) कहलाता है जबकि एक महीने से तीन साल तक के बच्चे को सिर्फ शिशु कहते हैं। शिशु” शब्द का अर्थ बहुत व्यापक होता है।
आपको बता दें कि दैनिक बोलचाल में “बच्चा” और “नवजात शिशु” शब्दों का परस्पर उपयोग किया जाता है। एक अन्य परिभाषा में कहा गया है कि आठ वर्ष की आयु के जब तक नही हो जाते तब तक वे शिशु कहलाते हैं। आपकी और अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें।
शिशु एक शब्द है जिसका प्रयोग अक्सर एक बहुत ही युवा इंसान को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग युवा जानवरों को संदर्भित करने के लिए भी किया जा सकता है। जन्म के क्षण से लेकर लगभग एक वर्ष की आयु तक बच्चे को शिशु माना जाता है।
Shishu Shabd Roop
इससे ऊपर के अर्तार्तिकल में हमने आपको शिशु शब्द के अर्थ के बारे में बताया उम्मीद करता हूँ आपको शिशु शब्द के अर्थ के बारे में पता चल गया होगा। अब हम आपको शिशु शब्द रूप (Shishu Shabd Roop) के बारे में बताने वाले हैं। आपको बता दें कि शिशु शब्द रूप की सभी विभक्ति और वचन संस्कृत भाषा में हैं।
इस संज्ञावाचक में अंतिम पुल्लिंग संज्ञा शब्द का रूप है। शिशु शब्द रूप का उपयोग मधु, भानु, इंदु, विष्णु, रितु, गुरु, रिपु, शंभु, शत्रु, साधु और धेनु के लिए शब्द रूपों को बनाने के लिए भी किया जाता है।
शिशु शब्द रूप संस्कृत में। (Shishu Shabd Roop)
इससे ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको शिशु शब्द का अर्थ के बारे में बताओ Shishu Shabd Roop के बारे में बताया। अब हम आपको शिशु उकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द है। इस प्रकार के सभी उकारांत पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप को इस प्रकार बनाया जाता है।
चलिए दोस्तों अब हम आपको शिशु शब्द रूप को तीनो वचनों तथा सभी विभिक्ति में जानते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | शिशुः | शिशू | शिशवः |
द्वितीया | शिशुम् | शिशू | शिशून् |
तृतीया | शिशुना | शिशुभ्याम् | शिशुभिः |
चतुर्थी | शिशवे | शिशुभ्याम् | शिशुभ्यः |
पंचमी | शिशोः | शिशुभ्याम् | शिशुभ्यः |
षष्ठी | शिशोः | शिश्वोः | शिशूनाम् |
सप्तमी | शिशौ | शिश्वोः | शिशुषु |
सम्बोधन | हे शिशो! | हे शिशू! | हे शिशवः! |
पुछे गए प्रश्न (FAQs)
इससे ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको शिशु शब्द के अर्थ के बारे में बताया शिशु शब्द रूप की हिंदी में जानकारी दी इसके साथ ही शिशु शब्द रूप संस्कृत में बताया है। अब हम आपको शिशु शब्द रूप से सम्बंधित प्रश्नों के बारे में बताएँगे जो कि निम्नलिखित हैं।
प्रश्न- शिशुओं के मूल सदस्य कौन थे?
उत्तर- संस्थापक सदस्य कीबोर्डिस्ट/गिटारवादक माइकल कॉर्बी के अलावा, गायक/बेसिस्ट जॉन वाइट, ड्रमर टोनी ब्रॉक और गिटारवादक वैली स्टॉकर ने भी मूल बेबीज़ लाइन-अप बनाया।
प्रश्न- शिशुओं को शिशु क्यों कहा जाता है?
उत्तर- आपको बता दें शब्द “शिशु” लैटिन इन-फैन्स से आया है जिसका अर्थ है “बोलने में असमर्थ।” शिशुत्व को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है। कानूनी बहुमत से कम आयु के किसी भी बच्चे को कानूनी शर्तों में “शिशु” के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसमें नाबालिग की भावना भी होती है। एक नवजात या नवजात एक मानव शिशु है जो एक महीने से छोटा है।
प्रश्न- शिशु की विशिष्ट विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर- शिशु के कूल्हे और कंधे छोटे होते हैं। उनके पेट में एक छोटा सा गैप है। अपने शरीर के कई हिस्सों पर, अपने पैरों और हथेलियों के अपवाद के साथ, नवजात शिशु लैनुगो प्रदर्शित करते हैं, जो एक प्रकार का अधोमुखी, गैर-रंजित बाल होता है। लेकिन यह आमतौर पर जन्म के कुछ सप्ताह बाद चला जाता है।
प्रश्न- शिशु के क्या-क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर- शिशु दूसरों को बोलते हुए सुनना पसंद करता है। जन्म के समय, तीनों इंद्रियाँ विकसित होती हैं, और वे मीठा स्वाद पसंद करती हैं। दृष्टि 8 से 12 इंच (20 से 30 सेमी) एक बच्चे की दृष्टि की सीमा होती है। 4 से 6 महीने के बीच रंग दृष्टि विकसित होने लगती है।
प्रश्न- नवजात शिशु क्या देखते हैं?
उत्तर- आपके शिशु ने स्पष्ट दृष्टि विकसित कर ली है और अब वह अधिक दूरी तक देख सकता है। वे अब भी आप पर कड़ी नजर रखना पसंद करते हैं। एक शिशु इस उम्र में दोनों आँखों (दूरबीन दृष्टि) का उपयोग करता है और अपनी गहराई की धारणा विकसित कर रहा है। खिलौनों और आकर्षक वस्तुओं तक पहुंच खेलने के समय को बढ़ावा दे सकती है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Shishu Shabd Roop के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से Shishu Shabd Roop से सम्बंधित अक्सर पुछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताया। अब मैं उम्मीद करता हूँ अब आपके मन में शिशु शब्द रूप से सम्बंधित सारे प्रश्न दूर हो गए होंगे।
अक्सर परीक्षाओं में ऐसे प्रश्न पुछ लिए जाते हैं इसलिए आपको इन शब्दों के बारे में जानकारी होना चाहिए। उम्मीद करता हूँ आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
ऐसे ही यूज़ फुल आर्टिकल रोजाना पढना के लिए “शब्दरूप” वेबसाइट को हमेशा विजित करते रहें क्योंकि हम इस तरह की सारी जानकारी अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो हमे कमेंट करके जरुर बताएं मिलते हैं अगले आर्टिकल में जब तक के लिए धन्यवाद।